होली न0 - 62 1-ओ झुकी यो मोरे यार बालुम नैना तोरे - फ़िर झुकियों 2-कौन दिशा से बिजुली आई , कौन दिशा रमी जाय बालुम - नैना . . . . 3-पूरब दिशा से बिजुली आई पश्चिम दिशा रमी जाय बालुम - नैना . . . . 4-इस बिजुली में क्या - क्या है रे - इक सैया दो यार बालुम - नैना 5 - इस बिजुली में क्या - क्या है रे तबला सरंगी सितार बालुम - नैना . . . . . 6 - इस बिजुली में क्या क्या है रे । नीबू नारंगी अनार बालुम - नैना 7-तोरे बालुम नैना तोरे झकी यो मोरे यार बालम नैना तोरे श्री कुष्ण कन्हया लाल की जै । श्रंगार की होलियाँ होली नं0 - 65 चरचा गो चतु रंग ले बालुम , कोई चरचा गो चतुरंग ले बालुम बडुरेत लाला इत दिल्ली उत आगरा बीच में लाला की छोटी बाजार , लाला जा में बैठे चारो बजार , बड़ना ऐसो झल्ला सो हार हरोलो हरचा गौ जोभन वालो चरचा गो , भय्या चरचा गौ । चतु रंग के बालुम कोई चरचा - गौ नोट : इन होलियों में सिर से पैर तक सिंगार के बोल हैं । होली नं0 - 66 1 - तेरे नैन रसीले यार बालम प्रीति लगाले नैनों से अच्छ हाँ रे बालुम ऐसो बड़ना ला दीजोडीग जो मेरी स्योनी सुहाय बालुम प्रीति लगाले नेनों से तेरे नैन रसीले
होली नं0 - 61 1-अच्छ हाँ रे लाला बिन पिया होली को खेले को खेले नदूलाल लला बिन पिया होली को खेले 2- अच्छ हाँ रे लाला कमल फूले तो जल में बसै चन्दा बसै आकाश , लाला विन . . . . . . . मेघ जो बरसे धरती गलै , नही बहे पाताल लाला गरमी पड़े तो धूल उड़े , गरद उड़े आकाश लाला बिन पिया होरी को खेले - 3-अच्छ हाँ रे लाला चक ही चकवा दोनो जने इन मत मारो कोई लाला ये मारे परमेश्वर के रैना बिछोड़ा होय लाला बिन पिया होरी को खेले - को . . . . . 4 - अच्छ हाँ रे लाला चन्द्र मुखी दियड़ा जागे , तन मन हो गई बात लाला तेल जले तो बाती जलै नाम दिया को होय लाला जोभन गवायो यारन में नाम पिया को होय लाला बिन पिया होली .... 5 - अच्छ हाँ रे लाला आम से मीठी अमीली दाख से मीठी दाडमी , चोधन मीठी नैक्यानीमा सोल बरस की जवान लाला , मेरो दिल पिया में बसै पिया को दिल मोहे नाही लाला बिन पिया होली को खेले . . . . 6-अच्छ हाँ रे लाला कौन बसै गड़ आगरा कौन मुरेदाबाद लाला कौन बसै जल सिगारो कौन चन्दन चौपाल लाला मेरो दिल पिया में बसै पिया को दिल मोहे नाही - लाला . . . . . . . 7- अच्छ होरे लाला ससुर बसै गड़ आगरा जेठ